Shan E Ramzan Naat Lyrics in Hindi/English/Urdu - शान ए रमज़ान नात लिरिक्स
शान ए रमज़ान नात लिरिक्स In Hindi
🌙 "रमज़ान के महीने का एहसान उठा के देख,
जो कुछ कहा अल्लाह ने, उस को निभा के देख। 🕌
जान-ए-रमज़ान,
शान-ए-रमज़ान।
ज़िंदगी सब्र से अश्ना हो गई,
शान-ए-रमज़ान दहर में आयां हो गई।
जो नज़र में नहीं था किनारा मिला,
असा महे करम का सहारा मिला।
आँशक आँखों से दमिन में आके गिरा,
मुझ ख़तगर को क्या से क्या कर गया।
बंदा करने लगा रब से उन गुफ्तगू,
अल्लाह हो, अल्लाह हो, अल्लाह हो,
शान-ए-रमज़ान आया चार सौ।
महे रमज़ान यूं आ गया,
बन के रहमत ये फिर चा गया।
कैसे तुझ से करूं सामना,
गिर रहा हों ज़रा थमना।
खाली दम्न लिए आ गया,
बिन तेरे मेरी हस्ती है क्या।
लाज रखना मेरी, ऐ ख़ुदा,
वस्ता महे रमज़ान का।
बस झुका है ये सर, और क्या मांगना,
बंदा परवर है तू, बस ज़रा देखना।
तेरी मर्ज़ी को पाना, मेरी जुस्तजू।
अल्लाह हो (x3),
शान-ए-रमज़ान आया चार सौ।
बरकतें यूं फ़लक से उतरनें लगी,
किरनें जैसे फ़लक पर बिखरनें लगी।
सिलसिला रहमतों का दुआ से मिला,
नैमतों का ये कैसा महीना मिला।
आओ मिल बाँट कर, बाँट लो हर ख़ुशी,
हाँ यही है इबादत, यही बंदगी,
शान-ए-रमज़ान है दिल कश ओ ख़ुबरू।
जाने रमज़ान, शान-ए-रमज़ान।
अस्सलाम या रमज़ान." 🌟
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